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अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस पर संयुक्त परिवारों को सम्मानित किया गया

अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस पर संयुक्त परिवारों को सम्मानित किया गया

गाडरवारा मध्य प्रदेश राज्य आनंद संस्थान के द्वारा नगर वा ग्राम के संयुक्त परिवारों को सम्मानित किया गया कार्यक्रम का शुरुआत सरस्वती पूजा के द्वारा की गई मास्टर ट्रेनर विप्रा मोदी (जिला संपर्क व्यक्ति) के द्वारा आनंद विभाग का परिचय दिया गया आनंदक दुर्गेश साहू के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय दिवस क्यों मनाए जाते हैं बताया गया कदम संस्था से आए हुए नारायण सिंह द्वारा संयुक्त परिवार के महत्व को बताया गया भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा जिला महामंत्री द्वारा परिवार में माता-पिता के महत्व को बताया गया आर्ट ऑफ लिविंग के जिला प्रशिक्षक रमाकांत गुप्ता ने ध्यान व आनंद विभाग के बारे में बताया *परिवारों दिवस के उपलक्ष में* *संयुक्त परिवारों का सम्मान किया*गया* नारायण सिंह लोधी ग्राम टेका पार् से जिनके परिवार में 34 लोग रहते हैं तथा उनका भोजन वा व्यवसाय एक है व्यवसाय कृषि है पांच भाइयों का संयुक्त परिवार है इसी क्रम में रविंद्र कठल जी गाडरवारा से व्यापारिक परिवार उनके परिवार में सदस्यों की संख्या 15 है चार भाइयों का परिवार है यह सभी एक साथ रहते हैं इनका व्यवसाय बीड़ी का कारखाना और ऑटो पार्ट्स का कार्य है नागेंद्र त्रिपाठी जी का परिवार दो भाइयों का है दोनों भाई राम लक्ष्मण की तरह रहते हैं उनके पिता स्वर्गीय श्री प्रेम नारायण जी त्रिपाठी राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित है विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित नगर पालिका पार्षद गीता सोनी के द्वारा आनंद विभाग के कार्यक्रमों की सराहना की गई उन्होंने बताया कि संयुक्त परिवार के द्वारा कैसे व्यक्ति आगे बढ़ सकता है और अपने परिवार का महत्व को बताया मुख्य अतिथि के रूप में बसंती पालीवाल जी के द्वारा परिवार में मां के दायित्व को बताते हुए उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य है भारत देश का जहा आज परिवार दिवस मनाना पड़ रहा है कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री कौशल्या श्रीवास्तव के द्वारा बताया गया कि कैसे संयुक्त परिवार के लाभ है और एकल परिवार की नुकसान माता पिता बच्चों को पढ़ा लिखा कर बाहर भेज देते पर बुजुर्गों को घर में अकेले रहना पड़ता है और अकेले रहते हुए बच्चों का बस इंतजार करना पड़ता है संस्था प्राचार्य वा कार्यक्रम की संयोजिका सुनीता पटेल के द्वारा आभार व्यक्त किया गया तथा बच्चों को नैतिक शिक्षा वा संयुक्त परिवार के लिए शिक्षा दी जाएगी और उन्हें प्रेरित किया जाएगा आनंद सहयोगी प्रतिपाल सिंह राजपूत के द्वारा आनंद की ओर के बारे में बताया गया की मने नहीं जांचे साथ ही समझ संबंध और सुविधा के द्वारा संयुक्त परिवार मे व्यवस्थित वा आनंदमय रह सकते हैं अंत में आनंदम सहयोगी तारा जाटव के द्वारा समापन गीत की प्रस्तुति की गई

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